घनघोर अँधेरे में बिखर ही गए सब संगी-साथी
मैंने अपने क़दमों को उजाले तक रुकने नहीं दिया|
आँधियों में उखड़ गए थे कई नामचीन पेड़-पौधे
मैंने कभी आँधियों को हद से बहकने नहीं दिया|
मैंने अपने क़दमों को उजाले तक रुकने नहीं दिया|
आँधियों में उखड़ गए थे कई नामचीन पेड़-पौधे
मैंने कभी आँधियों को हद से बहकने नहीं दिया|