Saturday 18 July 2015

शिद्दत

बहुत दिनों के बाद खुद में देखा है तुम्हें
तुम्हें और भी शिद्दत से चाहने लगा हूँ मैं| 

Thursday 16 July 2015

प्रेम

सांस की तरह है 
प्रेम
बेशर्त बेपनाह
दिल की गहराईयों में उतरता हुआ 
हर वक्त हर पल
जिंदगी के लिए।

मेरा मन

मेरा मन
मंदिर है
मस्जिद है
मदिरालय है|

मेरे मन में
अमन है
चैन है
शांति है |

क्योंकि
मेरे मन में
प्रेम है|

Sunday 12 July 2015

हिन्दू-मुस्लिम

सब मुस्लिम, मुस्लिम नहीं होते|
सब हिन्दू, हिन्दू नहीं होते||
कुछ मुस्लिम, हिंदू होते हैं |
कुछ हिन्दू, मुस्लिम होते हैं||
कुछ हिन्दू-मुस्लिम में खुदा होते हैं|
कुछ हिन्दू-मुस्लिम खुद भगवान होते हैं|
कुछ मुस्लिम मंदिर में सजदा करते हैं|
कुछ हिन्दू मस्जिद में दुआ मांगते हैं|