आत्म द्वीप
Sunday 19 March 2017
मदारी
आस्तीन के सांपों से कोई रिश्ता नहीं रहा मगर
वह शहर में मदारी के नाम से मशहूर हो गया ।
शोहरत
जरा सी शोहरत क्या हासिल कर ली उसने
कि शहर की हवाएँ भी उसके ख़िलाफ़ हो गईं।
ताज
लार लपेटे चुपचाप बैठे हैं व्याघ्र साधु बन
सुना है उसे भी नया ताज मिलने वाला है।
आशियाना
जिंदगी का आशियाना भी कुछ अजीब सा है
एक दीवार जोड़ता हूँ तो दूसरा दरक जाता है।
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