बच्चों
की भूख की विवशता में
वह
गटर में घुसा
और
बच्चों को अनाथ कर गया
उसका
मरना देश के लिए
जायज
सवाल न था
इसलिए
भुला दिया गया
चुप
ही रहीं सरकारें
ऐसे
अनेक चुभते सवालों पर
आम
सरोकारों पर|
बड़े-बड़े
नारों, विज्ञापनों
गगनचुंबी
इमारतों, सूचकांकों से
तय
किया जाता रहा विकास का पैमाना
और
गटर में खो गए
कई वाजिब सवाल
भूख
के, ग़रीबी के|
भूख
की लड़ाई लड़ी जाने लगी है
इश्तिहारों
में,नारों में, हड़तालों में
अन्याय
को अन्याय कहने वाली
आवाजें
दब गईं हैं कोलाहल में
लड़ने
लगी हैं विचारधाराएँ
एक-दूसरे
को मिटाने के लिए हीं
धर्मों, दलों की आपसी लड़ाई में
गटर
में समा गई है नैतिकता|
गटर
में खो गए हैं कई मूल्य भी
गिद्ध
बेख़ौफ़ नोंचने लगे हैं
मासूमों
का शरीर भी
गिद्धों
ने ओढ़ ली है धर्म की चादर
गिद्धों
के कुकृत्य के भी
हमदर्द
पैदा हो गए हैं
डर, आतंक
से सहमे हुए
सड़ांध
समय में
गटर
में समा गई है
मनुष्यता
भी|