Sunday 29 December 2019

नज़र

नज़र- नज़र में ख़ुद की नज़र को तराश रहा हूँ
मैं अपनी नज़र को ख़ुदा की नज़र बना रहा हूँ।

Tuesday 3 December 2019

उजाला

कहाँ-कहाँ पहुँचूँ मैं उजाला लेकर
हर दर पर अंधेरा है बाँह फैलाए।।