Wednesday 14 February 2018

उसके लिए

दिल के घोंसले में
पनपता है प्रेम
पसारता है पंख
संजोता है सपने
और फिर एक दिन
दिल का बाशिंदा
नए बसेरे के लिए
छोड़ देता है साथ
अनायास ही।

समय के अंधेरे में भी
तराशता हूँ प्रेम को
अपनी निगाहों में
महसूस करता हूँ
प्रेम की गर्माहट को
दिल की धड़कनों में
संभाले रखता हूँ
मोहब्बत के अल्फ़ाजों को
अपने उदास लम्हों में
निभाता रहता हूँ
खुद से किया वादा ही
ताकि बचा रहे प्रेम
मुझमें ताउम्र
उसके लिए।