आत्म द्वीप
Thursday 25 December 2014
झूठ की महफ़िल
झूठ की महफ़िल में सरेआम सच को बदनाम होते देखा है|
बादलों को भी हमने गुमान में सूरज पे हँसते हुए देखा है|
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