Wednesday 11 November 2015

एक नन्हीं सी चिड़िया

एक नन्हीं सी चिड़िया थी
तुम सी
डरती सी
घबराती सी
एक नन्हीं सी चिड़िया थी |

कांप जाते थे उसके भी पांव
जैसे सिहर जाती हो तुम
अनहोनी पर|

पर रुकते कहाँ थे
नन्हीं चिड़िया के कदम
जैसे तुम चलती रहती हो
अनथक|

कोई खास वजह थी
जीने की
नन्हीं चिड़िया के जीवन में
तुम्हारी ही तरह|

तुम्हारी ही तरह
दर्द से गहरा रिश्ता था
नन्हीं चिड़िया का भी|

घायल थी नन्हीं चिड़िया
पर लड़खड़ाकर चलती थी
तुम्हारी ही तरह
अपने वजूद के लिए|

घनघोर आँधियों में भी
नन्हीं चिड़िया को
हौसला देते थे
उसके अपने ही पंख
ऊँची उड़ानों का
तुम्हारी ही तरह|
तुम्हारी ही तरह
नन्हीं चिड़िया
देख रही है जग को
अपनी कातर आँखों से
और हँस रही है जग पर
जैसे जग हँसता है उस पर|

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