आत्म द्वीप
Tuesday, 26 June 2018
पत्थर
न जाने कितने रास्ते बदले हमने खुद को ही बदलने के लिए
एक धड़कता दिल लेकर चले थे लौटे तो वो भी पत्थर हो गए।
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