Saturday 19 October 2019

भूख

अघाए हुए
अधमरे चेहरों के बीच
जीने की भूख बची रहे
बची रहे आत्मा
दुरात्माओं से भी।

अघोषित युद्ध में कहीं
मोहरा न बना दिया जाऊं मैं
मुझमें अपने दम पर चलने की
काबिलियत बची रहे।

यह जानते हुए कि
अनसुना कर दिया जाऊंगा मैं
मुझमें बेबाक बोलने की
आवाज़ बची रहे।

ऐसे विकट माहौल में
जबकि सच के पक्ष में होना
पंखविहीन हो
उड़ने का हौसला बचाए रखना है
मुझमें खुले आसमान से
विद्रोह करने की ताकत बची रहे।

बची रहे मुझमें
भूखे भेड़िये से
मासूमियत बचाने की भूख
बचा रहूँ मैं
खुद को ख़ुदा समझने से भी।

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