सदियों की सामासिक संस्कृति की शक्ति हूँ मैं
मानव जीवन की जीवंत अभिव्यक्ति हूँ मैं
समय की संवेदना का सारथी हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
भाषिक परंपरा का गर्व एवं उत्थान हूँ मैं
बुद्ध का उपदेश, महावीर का ज्ञान हूँ मैं
धर्म-अध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
शब्द संगीत, भाव प्राण हूँ मैं
नव प्रेरणा, नव गान हूँ मैं
सूर का कृष्ण, तुलसी का राम हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
अंग्रेजी सत्ता की प्रतिकार,महात्मा गांधी का विचार हूँ मैं
अमर शहीदों का अमर गीत, आज़ादी का नाम हूँ मैं
अमर सेनानियों की अभिलाषा का परिणाम हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
आज़ाद भारत की आज़ाद आवाज़ हूँ मैं
ग़रीब-गुरबा की जुबान, वंचितों की ललकार हूँ मैं
रोजी-रोटी-रोजगार, भारत सरकार हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
माँ की लोरी, किस्सा-कहानी, घर का अख़बार हूँ मैं
रीति-रिवाज,पर्व-त्योहार, परिवार का संस्कार हूँ मैं
गीत-संगीत की आत्मिक भाषा,प्रेम की परिभाषा हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं।
भारत की वैश्विक पहचान,भारत का प्रेम-पैगाम हूँ मैं
जन-गण-मन का आत्म गौरव, आत्म सम्मान हूँ मैं
हिंद का अभिमान, हिंद-हिंदी-हिंदुस्तान हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं|
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