आत्म द्वीप
Tuesday 14 August 2018
फ़ितरत
मेरी किस्मत थी,तुम्हें याद न करता तो और क्या करता।
तुम्हारी फ़ितरत थी,तुमने सब याद रखा मुझे भुलाकर।।
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