किताबों ने पढ़ाया प्रेम
और हम नफ़रत सीख गए|
किताबों ने सिखाई संवेदनशीलता
और हम कसाई बन गए|
अब दुनिया की भीड़ में
खुद को खोकर खड़ा हूँ
स्तब्ध |
सीखा हुआ खोने के लिए
खोया हुआ पाने के लिए|
तिलांजलि देने के लिए
उन अर्थों को
जो प्रेम को नफरत
और संवेदनशीलता को कसाई
पढ़ना सिखा गए|
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