कुत्ते,बिल्ली,चूहे
क्या आहार होते हैं
या जीने के आधार होते हैं
उन लोगों के लिए
जो हजारों सालों से
सभ्य होने की कोशिश में
अब तक असभ्य हैं|
तिनका जोड़कर
घर बनाने नहीं आया हो जिसे
जो नहीं जानते गृहस्थी का मूल्य
राजपथ की रोशनी
पहुंची ही नहीं हो उस तलक
उसके हिस्से की धूप
निगल गया हो कोई|
उसने जाना ही नहीं कि
कोई भरपेट भोजन
हर रोज कैसे कर लेता है
क्या उसके साथ भगवान होते हैं
जो फेंक देते हैं पकवान|
भूख ने उसे जाना
उसने भूख को
इसी रिश्ते में लिपट कर
सो जाना ही
जाना उसने जीवन|
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