Tuesday 15 July 2014

रोटियां

रोटी की चाह में
घर छूटा
परिवार टूटा
बिखर गया
सपनों का संसार|

संसद में
रोटी की बहस ने
तोड़ दी सारी सीमाएं
गरीबों पर कब्जे की लड़ाई में
गिरेबां तक पहुँच गए
बाहुबली नेता|

गरीबों को लगा
कि गंभीर है सरकार
रोटी के सवाल पर
किसान समझ ही नहीं पाया कि
उसके हिस्से की रोटी
कौन खा गया
और आत्महत्या कर लिया|

रोटी की लड़ाई
जब से राजनीतिक हो गई
देश की आधी जनता के भाग्य में
रोटी रात की कहानी हो गई |

चाँद को रोटी की तरह देखते-देखते
सुबह के उजास में
जाने ऐसा क्या हुआ कि
छा गया घना कुहरा
रोटी हथियार बन

खा गई इंसानियत को|  

No comments:

Post a Comment