Tuesday 15 July 2014

एक सा नहीं रहता

किसी का साथ
एक सा नहीं रहता
नहीं रहती नदी एक सा
नहीं रहता आकाश एक सा|

बदलना अपनों का
बुरा मानते आए हैं हम
नहीं चाहते कि बदले कुछ भी
संबंधों के दरम्या |

पर दुनिया बदलती ही रहती है
बदलता ही है वक्त
बदले हुए वक्त में
बदलते ही हैं हम |

बदलते-बदलते
हमें खुद ही यकीं नहीं होता
कि हम क्या हो गए हैं
कहीं पहुँचने की ख्वाहिश में
हम जहाँ पहुँचते हैं
शायद वहां पहुंचना ही नहीं था हमें |

थामने वाले हाँथ भी
छूटते ही हैं एक दिन
जैसे साँस एक दिन
छोड़ ही देती है साथ|

वैसे ही किसी का साथ

एक सा नहीं रहता |

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