हिंदी में ही गीत गाता है किसान
जब लहलहाती है
फसल |
हिंदी में ही दुलारती है माँ
जब रूठ जाती है लाडली |
हिंदी में गाए जाते हैं क्रांति के गीत
जब संवेदनहीन हो जाती है व्यवस्था|
हिंदी में ही लिखे जाते हैं खत
जब पगडंडियां भूल जाती हैं घर का रास्ता
हिंदी ही समझता है विदेश
जब बोलते हैं गाँधी|
हिंदी में ही है वह ताकत
जब पूरा देश खड़ा होता है एक साथ |
हिंदी से ही हैं हम
हिंदी हैं हम
हिंदी हैं हम |
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